जब भी आँखों से अश्क निकलते हैं तो तेरी याद आती हैं माँ,
हर दर्द के बाद तेरा वो आंचल आज भी याद आती हैं माँ,
दूर होकर भी आजतक तेरे गौद में रहना चाहती हूँ ,
तुम हर बालाओं से मुझे बचाती और अपनी आँचल से मुझे छुपाती थी
हर ज़ख्म को अपने हाथों से सहलाती थी, आज भी वो याद आती है माँ !!!!
हर दर्द के बाद तेरा वो आंचल आज भी याद आती हैं माँ,
दूर होकर भी आजतक तेरे गौद में रहना चाहती हूँ ,
तुम हर बालाओं से मुझे बचाती और अपनी आँचल से मुझे छुपाती थी
हर ज़ख्म को अपने हाथों से सहलाती थी, आज भी वो याद आती है माँ !!!!
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