Thursday, 1 August 2013

माँ का प्यार...

तुम्हारी गौद आज भी याद आती है माँ
थक गई हूँ मैं, एक बार थम ले अपनी बाँहों में
हर दुनिया के दर्द खो जायेंगे हवाओं में 
बचपन से तूने मेरा दर्द खुद ले लिया है
आज भी मेरा दर्द ले ले माँ
उन आँचल का इंतज़ार आज भी है
तुम्हारी वो नरम हाथों का प्यार आज भी याद आती है 


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