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Thursday, 25 July 2013
दो अल्फाज़ ...
तुम्हे पाने की थी जो चाहत , हम खुद को भूल गये
तुमने एक नज़र जो हमपे फेरा, हम अपना वजूद खो गये
आज भी है तुम्हे पाने की वही चाहत दिल में मेरे
बात ये और हे के तुम आज किसी और के हो गये...
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