बस मेरी ज़िन्दगी तो जैसे बहाना है ...
वक़्त अपने अपने चाल बदलते है..
बस हमें तूफ़ान की तरह वजूद बदलना है
ज़िन्दगी है क्या बस जी जी के यहाँ मरना है
बस मेरी ज़िन्दगी तो जैसे बहाना है...
अगर हम न रहें तो बताना कौन थी वो
किसी कहानी की बेवजह किरदार थी वो
कोई पूछे क्या था मेरा वजूद.....
बताना किसी सूखे हुए पेड़ की टूटी डाल थी वो
कोई मेरा पता पूछे तो बताना
अन्जान हवाओ के झोके के साथ उरने वाली टूटी पतंग थी वो
कोई अगर मेरी पहचान पूछे तो बताना
नाम होते हुए भी इस ज़माने के लिए अन्जान थी वो !!!
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